अछल्दा। हिन्दुस्तान संवादइस सीजन में बुधवार को पहली बार कोहरे की मार पड़ी। नतीजा यह हुआ कि एक तरफ जहां ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा तो दूसरी ओर सड़कों पर भी वाहनों के पहिए थम गए। जीरो विजिविलिटी के कोहरा से डरे चालकों ने रोड से किनारे वाहन खड़े कर दिए और तब तक आगे नहीं बढ़े जब तक कोहरा कम नहीं हो गया। उधर, रात में सोए लोग भोर में उठे तो हालात यह था कि उन्हें पड़ोसियों के घर भी नजर नहीं आ रहे थे। बुधवार को कोहरे के कारण ग्रामीण इलाकों से शहर की ओर आने वाले वाहन सुबह दस बजे तक गायब रहे। लोग आग से तपते नजर आए। दो-तीन दिन शीत लहर चलने के बाद सुबह, शाम और रात्रि में ठंड पड़ रही थी। इस दौरान हल्की शीतलहरी भी महसूस होने लगी थी। बावजूद इसके दिन में पूरी धूप खिल रही थी। गर्माहट...
more... और नमी के मिश्रण से कोहरे का बनना स्वाभाविक है। मौसम जानकारों ने बताया कि जब जब दिन में धूप खिलेगी, अगले दिन घना कोहरा देखने को मिलेगा। सुबह के समय विजिबिलिटी काफी लो हो गई थी। कोहरे के चलते गली में भी दूर तक देख पाना मुश्किल था। अभी कुछ दिन ऐसे हालात बने रहेंगे। यातायात की दृष्टि से यह सतर्कता बरतने का समय है। जिससे एक्सीडेंट जैसी घटनाओं से बचा जा सके। सीएससी प्रभारी डा सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि सुबह के समय ठंड तो ज्यादा नहीं रही। लेकिन कोहरा बहुत ही ज्यादा घना था। इससे सुबह के समय बाहर निकलकर कोई काम नहीं किया जा सका। बब्लू राजपूत ने बताया किउसे अक्सर सुबह के समय डेरी पर दूध देने जाना होता है। लेकिन कोहरे के कारण वह नहीं जा सका। रोहिणी यादव ने बताया कि स्कूल जाने में सुबह के समय दिक्कत हुई। एक्सप्रेस-वे पर मिट्टी डालने वाले डंपर रेंगते नजर आए।
धीमी हुई ट्रेनों की रफ्तार
मौसम बदलने के साथ ही कोहरे का कहर शुरू हो गया है। जिसका असर बुधवार को दिल्ली-हावड़ा रूट की ट्रेनों पर दिखाई दी। अप और डाउन लाइन की कई ट्रेनें घंटों लेट रहीं। कानपुर से दिल्ली आने वाली ट्रेनों घंटों की देरी से चल रही है।