छिपादोहर प्रतिनिधि।रेल प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण को देखते हुए यात्री ट्रेनों को पटरी पर उतारने की बात कही गयी थी। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विचार कर इस रेलखंड से गुजरने वाली मेमू व पैसेंजर ट्रेनों के नियमित परिचालन पर अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है । इस मार्ग की लाइफ लाइन समझी जाने वाली बीडीएम सवारी गाड़ी, गोमो चोपन सवारी गाड़ी का नियमित परिचालन न होने से यात्रियों में घोर निराशा है । कोरोना संक्रमण काल से पूर्व इस स्टेशन पर पलामू व शक्तिपुंज एक्सप्रेस का नियमित ठहराव होता था । यात्रियों द्वारा रेल प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद भी ये ट्रेनें अब तक सामान्य नहीं हो सकी हैं । ऐसे में छिपादोहर, हेहेगड़ा, कुमण्डी, रिचुघुटा, देमु सहित छोटे स्टेशन के यात्रियों व स्टेशन पर अवस्थित दुकानदारों व वेंडरों का जीवन यापन संकट में पड़ गया है ।रेलवे द्वारा विशेष ट्रेन चलाने के बाद स्थानीय स्टेशन...
more... परिसर में यात्रियों की संख्या तो दिखाई पड़ती है ।परन्तु पहले की अपेक्षा काफी कम।जब कि स्टेशन परिसर में साफ सफाई और कोरोना गाइड लाइन का समुचित अनुपालन किया जा रहा है।22 मार्च, 2020 से ठप है यात्री ट्रेनों का परिचालन :22 मार्च, 2020 से इस मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन बंद है। रेलवे ने पुनः इस मार्ग की यात्रियों की सुविधा को दरकिनार कर दिया । कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विभिन्न मार्गों पर मेमू सहित कई पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन सामान्य होने के बावजूद इस रेलमार्ग पर ट्रेनों को अभी नहीं चलाने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इस बाबत यात्रियों द्वारा केंद्र सरकार व धनबाद रेल मंडल के अधिकारियों से गुहार भी लगाई गई है।ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से लोगों में आक्रोश :छिपादोहर रेलवे स्टेशन में शक्तिपुंज व पलामू एक्सप्रेस का ठहराव नहीं होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। छिपादोहर बाजार के व्यवसाय पर भी बुरा असर पड़ रहा है। प्रवासी मजदूरों को भी दूसरे प्रदेश जाने एवं आने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर छिपादोहर के कई युवा एवं प्रबुद्ध लोगों ने अपने विचार व्यक्त कर केंद्र व राज्य सरकार समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस स्टेशन की पुरानी साख बचाए रखने की मांग की है।ज्ञात हो कि छिपादोहर स्टेशन से 4 प्रखंडो के हजारों यात्री प्रतिदिन आना जाना करते है। वही हेहेगड़ा, कुमंडीह आदि स्टेशनों की बात करें तो यहां आने जाने का एकमात्र विकल्प रेल ही है। ऐसे मे रेल परिचालन सामान्य नही होने से यात्रियों की समस्याओं को सहज ही समझा जा सकता है।स्थानीय नागरिक डॉक्टर सुशील कुमार बताते हैं कि बरकाकाना - बरवाडीह रेलखण्ड पर पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन नहीं होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं होटल चलाने वाले व्यवसायी मुना गुप्ता ने कहा कि रेलवे स्थानीय लोगों की भावनाओं को समझते हुए पूर्व की भांति सभी ट्रेनों का परिचालन और ठहराव चालू करे।वहीं व्यव्सायी सत्यनाराय प्रसाद ने कहा कि इस स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से प्रवासी मजदूरों को भी एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को यात्रा करने के लिए मेदिनीनगर, टोरी, डेहरी जैसे स्टेशन का सहारा लेना पड़ रहा है।क्या कहते हैं स्टेशन प्रबंधक:स्टेशन प्रबंधक ने बताया कि नियमित ट्रेन कब से चलेगी इसकी जानकारी विभाग स्तर पर अब तक प्राप्त नही हुई है।परन्तु जब भी ट्रेन चलाने की घोषणा होगी उसके लिये सारी तैयारी पूर्ण है।रेलकर्मी अपने अपने काम मे पूरी तरह से लगे हुए हैं।