रेलकर्मियों को अब गंभीर स्थिति में किसी निजी अस्पताल में रेफर नहीं किया जाएगा। जिला के सरकारी अस्पतालों में इलाज होगा। रेलवे बोर्ड से सोमवार को यह आदेश जारी हुआ है। जिसमें रेलवे ने मरीजों के रेफरल सिस्टम में बदलाव किया है। इससे रेलवे में सक्रिय यूनियन और एसोसिएशन नेताओं में आक्रोश है, क्योंकि सरकारी अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था ठीक नहीं है। रेलवे कर्मचारियों की चिकित्सा में हो रहे खर्च को बचाने के लिए रेफरल सिस्टम को बदला गया है। आयुष्मान का लाभ: सरकारी अस्पताल में रेलकर्मियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा न मिलने पर किसी निजी अस्पतालों में रेफर किया जाएगा। आयुष्मान योजना का लाभ लेने के लिए रेलवे में लगभग तैयार उम्मीद मेडिकल कार्ड का इस्तेमाल होगा। रेलवे की नई व्यवस्था से गंभीर बीमारी के मरीजों को दिक्कत होगी। एनएफआईआर ने किया विरोध: चक्रधरपुर मंडल मेंस कांग्रेस के संयोजक शशि मिश्रा ने कहा कि रेलवे को कर्मचारी हित...
more... में रेफरल सिस्टम के नए आदेश को वापस लेना होगा। नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे ने बोर्ड में इसके खिलाफ पत्र दिया है। वहीं चक्रधरपुर मंडल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से मिलकर मेंस कांग्रेस ने विरोध जताया है। टेल्को व ब्रह्मानंद में रेफर होते हैं रेलकर्मी: टाटानगर या चक्रधरपुर मंडल अस्पताल से रेलकर्मियों को अभी टाटा मोटर्स के अस्पताल या ब्रह्मानंद में रेफर किया जाता था। यूनियन व एसोसिएशन नेताओं ने कहा कि इलाज के लिए रेफरल की पुरानी व्यवस्था ठीक थी। रेलवे बोर्ड का आदेश वापस न होने पर रेलकर्मियों को निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ेगा।