सामान्य दिनों में जून में नहीं मिलता है टिकट, ताप्ती-गंगा एक्सप्रेस जैसी ट्रेन में पांच जून से सभी सीटें खाली हैं
दैनिक भास्कर
सूरत. (लवकुश मिश्रा) सूरत रेलवे स्टेशन से 2 मई से अब तक 400 से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं, जिससे 7 लाख से ज्यादा श्रमिक अपने गृह राज्य जा चुके हैं। ये सभी श्रमिक ट्रेनें वन-वे थीं, यानि सूरत से प्रवासियों को ले जाने के बाद वहां से खाली रेक के रूप में बंद होकर फिर सूरत आ रही हैं और वापस श्रमिकों को लेकर जा रही हैं।...
more... वहीं 27 मई से बिहार-झारखंड के लिए श्रमिक ट्रेनें बंद हो गईं हैं, क्योंकि अब वहां के लिए यात्री नहीं मिल रहे हैं।
अब केवल यूपी और ओडिशा के लिए ही श्रमिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं, लेकिन इनमें भी अब श्रमिकों की संख्या कम पड़ने लगी है। कई ट्रेनों में निर्धारित 1600 यात्रियों को जुटाना भी स्थानीय प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है। उधर दूसरी तरफ 1 जून से भारतीय रेलवे ने 100 जोड़ी रेगुलर ट्रेनों को चलाने का निर्णय लिया है। इनकी बुकिंग शुरू हो चुकी है। इनमें लगभग 1 दर्जन ट्रेनें सूरत होकर चलेंगी। लेकिन, बुकिंग की हालत ऐसी है कि वापसी में इन ट्रेनों को कोई यात्री ही नहीं मिल रहे हैं।
गाैर करने वाली बात ये है कि ताप्ती-गंगा जैसी डिमांडेबल ट्रेन भी पांच जून के बाद पूरी तरह खाली है। उत्तर भारत से कोई यात्री इस ट्रेन को नहीं मिल रहे हैं। रेलवे के अनुसार पश्चिम भारत में कोराेना वायरस से फैले संक्रमण को देखते हुए उत्तर भारत से यहां कोई वापस नहीं आना चाहता है। जब तक हालात सामान्य नहीं होगें, तब तक शायद ही लोग वहां से आएं।
नियमित ट्रेनों की 1 जून के बाद सूरत वापसी की ऐसी है स्थिति
उत्तर भारत की सबसे डिमांड वाली ट्रेन ताप्ती-गंगा एक्सप्रेस सहित यूपी, राजस्थान, दिल्ली और बिहार की कई ट्रेनें 1 जून से शुरू होने जा रही हैं। इनकी सूरत वापसी के बुकिंग की स्थिति उम्मीद से बहुत कम है, जबकि सामान्य स्थिति में जून महीने में उत्तर भारत से सूरत आने वालों की भारी भीड़ रहती है। ताप्ती-गंगा जैसी ट्रेनें तो री-ग्रेट हो जाती हैं। लेकिन, कोरोना काल में स्थिति उलट गई है। अब वहां से कोई आने को तैयार नहीं है।
इन राज्यों को इतनी श्रमिक ट्रेनें
इसलिए सीटें खालीरेलवे ने बताया कि फिलहाल कोरोना के कारण शहर से गांव की ओर रोजाना लाखों लोगों का पलायन हुआ जो बहुत रफ्तार में हुआ। अब जो नियमित ट्रेनें 1 जून से शुरू होंगी उनकी शहरों में वापसी की सीटें कहीं ज्यादा खाली पड़ी है। क्योंकि लोगों ने अभी शायद इतनी जल्दी वापस लौटने का मन नहीं बनाया है। हालांकि उम्मीद है की ये सभी सीटें अगले एक हफ्ते में भर जाएंगी।
800 यात्री कम पड़ने से अचानक रद्द कर दी गई आगरा श्रमिक ट्रेन
बुधवार को सुबह 9 बजे सूरत से आगरा जाने वाली श्रमिक ट्रेन को 1600 यात्री पूरे नहीं मिल सके, जिसके कारण ट्रेन को अचानक रद्द कर दिया गया। इस ट्रेन से यात्रा करने वाले प्रवासी श्रमिकों के स्क्रीनिंग के लिए गोडादरा में पिक पॉइंट बनाया गया था। जहां से इन्हें बस में बैठाकर स्टेशन तक लाया गया। मनपा की बसें भी मौके पर आ गई थीं। 800 लोगों को टिकट भी दे दिया गया, लेकिन अंत मे ट्रेन रद्द होने की जानकारी दी गई, क्योंकि 1000 यात्री भी नहीं मिल सके। इसके कारण 800 लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा।12 मई 2020 को गोडादरा निवासी संजय सिंह ने सूरत से आगरा के लिए प्रशासन से श्रमिक ट्रेन की मांग की थी। प्रशासन ने 14 दिन बाद यानि 26 मई को ट्रेन भेजने की मंजूरी दी। 26 मई की ही रात को 8:30 बजे सूरत रेलवे स्टेशन पर बुलाकर उन्हें टिकट दी गई और 27 मई की सुबह 6 बजे पिकअप पॉइंट गोड़ादरा दिया गया। 27 मई की सुबह 9 बजे ट्रेन जानी थी। ट्रेन के संयोजक रात भर टिकट बांटते रहे।1600 टिकट में से 1300 लोगों को टिकट बांट दिया गया, लेकिन सुबह पिकअप पॉइंट पर सिर्फ 800 लोग ही पहुंचे। बाकी करीबन 100 लोग सीधे रेलवे स्टेशन पहुंच गए। यात्रियों की कम संख्या को देखते हुए प्रशासन ने कहा कि जब तक 1600 यात्री नहीं होंगे तब ट्रेन नहीं जाएगी। पिकअप प्वाइंट पर पहुंचे 800 प्रवासी श्रमिकों को अपने परिवार तथा सामान के साथ बैरंग अपने घरो को लौट गए।
ट्रेन शुरू करने में देरी की, जिससे अधिकांश लोग खुद से निकल गए
आगरा के लिए ट्रेन के संयोजकों की माने तो शहर के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले लोगों तक इतने कम समय में टिकट पहुंचाना काफी मुश्किल था। फिर भी 1300 यात्रियों तक टिकट पहुंचाई गई। यात्रियों की संख्या पूरी न होने पर यूपी के आगरा जाने वाली ट्रेन प्रशासन ने रद्द कर दी। उल्लेखनीय है कि पश्चिमी यूपी के आगरा जाने वाली यह पहली और आखिरी ट्रेन थी, जिसमें जाने की उम्मीद में बैठे सैकड़ों श्रमिक परिवार ट्रेन का इंतजार करते करते विविध माध्यमों से पहले ही जा चुक