गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे और यात्रियों की राह में पश्चिम बंगाल सरकार पिछले चार माह से रोड़ा बनी हुई है। अनलॉक में गोरखपुर से देश के लगभग सभी प्रमुख शहर (दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगुलुरु, हैदराबाद आदि) ट्रेनों के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ गए। लेकिन राज्य सरकार की अनुमति के बिना कोलकाता और हावड़ा उत्तर प्रदेश खासकर पूर्वांचल और उत्तराखंड से नहीं जुड़ पा रहे हैं। पूर्वांचल के हजारों लोग गोरखपुर से चलने वाली पूर्वांचल और शालीमार एक्सप्रेस तथा हावड़ा से काठगोदाम के बीच चलने वाली बाघ एक्सप्रेस के चलने का इंतजार कर रहे हैं।
कोलकाता को छोड़ गोरखपुर से जुड़ गए हैं देश के सभी प्रमुख शहर
दशहरा,...
more... दीपावली और छठ पर्व भी सिर पर है। ऐसे में कोलकाता रूट पर भी यात्रियों का दबाव बढ़ता जा रहा है। त्योहारों को लेकर लोगों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। रेलवे बोर्ड देश के तमाम रूटों पर पूजा स्पेशल ट्रेनों को चलाने की घोषणा कर रहा है लेकिन गोरखपुर-कोलकाता रूट को लेकर उदासीन बना हुआ हे। हालांकि, पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन आम जन की परेशानियों को देखते हुए पूर्वांचल और बाघ एक्सप्रेस को चलाने के लिए रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है।
तीन बार भेजा गया प्रस्ताव
पूर्वांचल एक्सप्रेस का प्रस्ताव तो तीन बार भेजा जा चुका है। लेकिन न रेलवे बोर्ड और सरकार की अनुमति मिल रही और न ट्रेन का संचालन शुरू हो पा रहा। जानकारों का कहना है कि रेलवे प्रशासन ने फिर से पूजा स्पेशल ट्रेनों के साथ ही लोकप्रिय पूर्वांचल एक्सप्रेस का भी प्रस्ताव भेजा है। उम्मीद जताई जा रही है कि दशहरा और छठ में हरी झंडी मिल जाए। एक जून से ही देशभर में स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। गोरखपुर से 13 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें बनकर चल रही हैं। इसके अलावा बिहार से दिल्ली रूट पर चलने वाली दर्जन भर सामान्य स्पेशल और क्लोन स्पेशल गोरखपुर से होकर गुजरती हैं।
नाहरलागून एसी एक्सप्रेस को भी चलाने की तैयारी शुरू
दशहरा और दीपावली में गोरखपुर के रास्ते आनंदविहार से नाहरलागून के बीच चलने वाली एसी एक्सप्रेस को भी चलाने की तैयारी शुरू हो गई है। ट्रेन की घोषणा हो चुकी है। इसके अलावा गोरखपुर से होकर गुजरने वाली लखनऊ-पाटलिपुत्र, अमरनाथ, कोचीन, दुर्ग, ओखा और पूर्वांचल एक्सप्रेस का प्रस्ताव है। सर्वाधिक मांग लखनऊ-पाटलिपुत्र, अमरनाथ और पूर्वांचल एक्सप्रेस की है। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि स्पेशल ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए बोर्ड स्तर से लगातार स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की जा रही है।