चौरीचौरा कांड के शताब्दी वर्ष में जहां प्रदेश सरकार शताब्दी महोत्सव मनाकर पूरे देश में एक संदेश देने की कोशिश में है वहीं रेलवे प्रशासन भी इसे यादगार बनाने जा रहा है। चौरीचौरा स्टेशन को देश स्तर की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आदर्श स्टेशन के रूप में चुना गया है। इसके साथ ही चौरीचौरा एक्सप्रेस में चार फरवरी को अत्याधुनिक सुविधाओं वाला लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) कोच लगाकर गोरखपुर से रवाना किया जाएगा। आजादी के बाद से अब तक चौरीचौरा रेलवे स्टेशन उपेक्षा का शिकार रहा है। स्टेशन पर अभी सिर्फ दो प्लेटफॉर्म और एक छोटा वेटिंग हाल है। जबकि इस रूट से वर्तमान समय में 40 से ज्यादा ट्रेनें संचालित हो रही हैं। अब रेलवे प्रशासन ने आदर्श स्टेशन के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके बाद रेलवे स्टेशन की खूबसूरती तो बढ़ेगी ही यात्रियों से संबंधित सुविधाएं बढ़ जाएंगी।
भवनों...
more... का भी कायाकल्प किया जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने कुल 53 स्टेशनों को आदर्श स्टेशन के लिए चुना है, इनमें चौरीचौरा स्टेशन भी है। अब यहां सुविधाओं को लेकर योजनाएं बन रहीं हैं, जिन्हें जल्द ही मूर्तरूप दिया जाएगा।
स्टेशन पर ये सुविधाएं होंगी
लिफ्ट, स्वचालित सीढ़ियां, अत्याधुनिक शौचालय, विश्रामालय, बैठने के लिए ज्यादा बेंच और कुर्सियां, पेयजल, वाहनों के आवागमन की सुविधा आदि।
चौरीचौरा एक्सप्रेस में होंगे 22 कोच
गोरखपुर से कानपुर अनवरगंज तक जाने वाली चौरीचौरा एक्सप्रेस (15003/15004) अभी स्पेशल के रूप में चल रही (05003/05004) ट्रेन में आरक्षित श्रेणी के दो कोच अब बढ़ जाएंगे। 20 की जगह 22 कोच लगाकर चलाई जाएगी। इससे सीटें भी बढ़ेंगी।
522 किमी यात्रा में ट्रेन के 31 स्टॉपेज
चौरीचौरा एक्सप्रेस कुल 552 किमी की यात्रा तय करती है। यह ट्रेन गोरखपुर से कानपुर अनवरगंज के बीच 31 स्टेशनों पर रुकती है। इसकी अधिकतम गति 110 किमी प्रति घंटा है और स्टॉपेज लेकर 40.27 किमी प्रति घंटे की गति से चलती है।
ये हैं एलएचबी कोच की खूबियां
दुर्घटना की दृष्टि से काफी सुरक्षित होती है।
काफी संख्या व अच्छी क्वालिटी के स्प्रिंग व शॉकर लगे हैं जिससे जरा सा भी झटका महसूस नहीं होता है।सामान्य कोच की तुलना में वातानुकूलन ज्यादा बढ़िया होता है।
कोच के बाहर की बॉडी स्टील तथा अंदर की एल्युमीनियम की बनी होती है।
आग से भी पूरी तरह से होती है सुरक्षित (फायर प्रूफ कोच)सामान्य कोच से दो मीटर लंबे होते हैं ये कोच।
स्लीपर में 72 की जगह 80 सीटें होती हैं।
सामान्य व एलएचबी कोच की तुलना
विशेषता सामान्य कोच (स्लीपर) एलएचबी कोच (स्लीपर)
चलने पर आवाज 100 डेसीबल 60 डेसीबल
कोच की लंबाई 21.5 मीटर 23.54 मीटर
अग्नि सुरक्षा कुछ नहीं फायर प्रूफ कोच