भिलाई। नईदुनिया प्रतिनिधि
रेल पटरी उत्पादन में भिलाई इस्पात संयंत्र साल के आखिरी दिन तक कीर्तिमान रचने जा रहा है। एक माह में एक लाख 20 हजार टन से ज्यादा रेल पटरी उत्पादन का रास्ता साफ हो गया है।
इस माह अभी तक 62,800 टन प्राइम रेल का उत्पादन शार्ट रेल बनाने में किया गया। यूआरएम ने 45871 टन रेल का उत्पादन 27 दिसंबर 2019 तक किया है। उत्पादन की यही रफ्तार रही तो 31 दिसंबर तक लगभग 72,000 टन उत्पादन शार्ट रेल और यूआरएम में 50,000 टन से ज्यादा उत्पादन...
more... होना तय है। इस तरह दिसंबर में लगभग 1,20,000 टन से ज्यादा प्राइम रेल का उत्पादन होने की संभावना है, जो अपने आप में रिकॉर्ड डिस्पैच होगा।
धीमी रफ्तार से ही सही, लेकिन यूआरएम अब संभल रहा है। 50,000 टन उत्पादन इस बात होने की पूरी संभावना है। वहीं, हॉट मेटी की बात की जाए तो इसी माह में लगभग 3,56,505 टन का उत्पादन हुआ है। अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि यह आंकड़ा लगभग 4,00,000 टन के आसपास पहुंच सकता है। कर्मियों में भी इस बात को लेकर उत्साह है कि बेहतर उत्पादन एवं लाभ की स्थिति में आने पर सुविधाएं बहाल होंगी।
रेल पटरी के ऑर्डर की सप्लाई के लिए भारतीय रेलवे सेल प्रबंधन पर लगातार दबाव बनाए हुए है। भारतीय रेलवे का सेल अफसरों को यह भी बोल चुका है कि सप्लाई धीमी होने की वजह से रेलवे के प्रोजेक्ट पर असर पड़ता है। दूसरी तरफ भारतीय रेलवे पर निजी कंपनी रेल पटरी सप्लाई करने के लिए जुगाड़ लगा रही है। जिंदल पहले ही रेलवे से ऑर्डर ले चुका है। उस आर्डर को उसने समय से पहले ही पूरा कर दिया, जिसकी वजह से बीएसपी के लिए एक चिंता का विषय है।
मैनेजमेंट को लेना पड़ा था यू-टर्न
पिछले वर्ष भी रेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास यूआरएम में किए गए। लेकिन यूआरएम का उत्पादन नहीं बढ़ पा रहा था। सेल एवं बीएसपी प्रबंधन ने यू-टर्न लेते हुए शार्ट रेल से रेल का उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया। जनवरी, फरवरी, मार्च में टारगेट तय कर उत्पादन बढ़ाने के लिए रेल मिल में ही सीईओ ने डेरा डाला था। वही स्थिति फिर निर्मित हो रही है। लेकिन रेल मेल इस वर्ष कुछ बेहतर दिख रहा है। कुल मिलाकर उम्र दराज कर्मचारी, मैनुअल ऑपरेशन, मैनुअल इंस्पेक्शन, पुरानी एवं जर्जर हो सकी मशीनों को लगातार मेंटेनेंस कर दुरुस्त कर चलाया जा रहा है। सभी चुनौतियों के बीच शार्ट रेल मिल अपनी मिसाल कायम किया।
क्षमता से अधिक उत्पादन भी हो रहा
एक अधिकारी ने अपना नाम छापने से इनकार करते हुए बताया कि सेल प्रबंधन और बीएसपी का उधा प्रबंधन लगातार रेल मिल से उत्पादन बढ़ाने की मांग करता रहा है। लेकिन रेल मिल को न मैनपॉवर दे रहे हैं। न ही नए इक्विपमेंट दिए जा रहे हैं। फल स्वरूप मेंटेनेंस के काम पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। वर्तमान में रेल मिल अपनी क्षमता से लगभग दोगुना उत्पादन कर रहा है, जो अपने आप में एक मिसाल है।
छुट्टियों पर कर्मचारी, फिर भी बेहतर प्रोडक्शन
ईएल इनकैशमेंट बंद है। एफएल इनकैशमेंट बंद होने से कर्मियों के पास छुट्टियों की भरमार है। साल का अंतिम महीना और कर्मियों के पास छुट्टियां पड़ी हुई है।
छुट्टी लैप्स होने की वजह से कर्मचारी अवकाश भी ले रहे हैं। बावजदू, कर्मियों का एक बड़ा पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ काम करता है। उनकी बदौलत अभी संयंत्र में रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है।
यह हालत पूरे संयंत्र में है और हर जगह जो कर्मचारी खासकर नाइट ड्यूटी जाने में कतरा रहे हैं, क्योंकि जो व्यक्ति नाइट ड्यूटी जा रहा है। उसे अन्य कर्मियों की भी ड्यूटी करनी पड़ रही है।
पूरे संयंत्र में अधिकारियों के मातहत कर्मचारी एवं कुछ नेता जनरल शिप में ड्यूटी करना पसंद करते हैं। दूसरी तरफ तीनों शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारी पूरी ईमानदारी के साथ उत्पादन में अपनी भागीदारी कर रहे हैं।
उम्र दराज कर्मियों की संख्या लगातार संयंत्र में बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर लगातार कर्मी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनकी जगह परमानेंट वर्कर की नियुक्ति नहीं हो रही है, जो आने वाले दिनों में संयंत्र के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती होगी।
ये आंकड़े भी जानिए
62800ः टन प्राइम रेल का उत्पादन रेल मिल में 27 तक
45871ः टन रेल का उत्पादन यूआरएम में 27 तक
72000ः टन उत्पादन शार्ट रेल का 31 तक उत्पादन का लक्ष्य
50000ः टन से ज्यादा यूआरएम में 31 दिसंबर तक का लक्ष्य
120000ः टन रेल पटरी साल के आखिरी दिन तक डिस्पैच का दावा