फोटो केएचए-29-मथेला रेलवे स्टेशन पर बने नए रेलवे ट्रैक पर अधिकारियों ने फोड़ा नारियल। नईदुनिया
फोटो केएचए-30-ट्रॉली पर सवार होकर रेलवे ट्रैक का जायजा लेते हुए सीआरएस सुशील चंद्रा व अन्य अधिकारी। नईदुनिया
फोटो केएचए-31-रेलवे ट्रैक से ट्रॉलियां गुजरने के बाद खुले मूंदी रोड पर रेलवे फाटक के पास जाम की स्थिति बनी। नईदुनिया
निरीक्षण : सीआरएस सुशील चंद्रा ने कहा-...
more... फाटक के पास सही ढंग से नहीं बना रोड, ट्रैक में भी खामियां
- मथेला से निमाड़खेड़ी 55 किमी लंबे बायपास ट्रैक की जांची गुणवत्ता, इससे जुड़े हैं दो थर्मल पॉवर
- सीआरएस की स्वीकृति के बाद ही ट्रैक पर हो सकेगा ट्रेनों का संचालन
खंडवा/सिहाड़ा। नईदुनिया प्रतिनिधि
मथेला से निमाड़खेड़ी के 55 किलोमीटर के रेलवे ट्रैक का जायजा लेने के लिए शनिवार को मुंबई से कमीश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) सुशील चंद्रा आए। सुबह करीब 9.30 बजे से शुरू हुए निरीक्षण में पहले उन्होंने नए ट्रैक पर नारियल फोड़ा, इसके बाद ट्रॉली में सवार होकर रेलवे ट्रैक का जायजा लिया। खंडवा-मूंदी रोड पर बने रेलवे फाटक के पास रोड सरफेस और ट्रैक की कटिंग को देखकर उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई। इसके साथ ही रेलवे फाटक की चेन नहीं मिलने पर भी नाराजगी जताई। रेलवे फाटक के पास से अधिकारियों की ट्रॉलियां गुजरने के बाद रोड पर जाम लग गया। इससे लोगों को आवाजाही में परेशानी हुई।
सनावद-खंडवा गेज कन्वर्जन के साथ यहां मथेला से निमाड़खेड़ी तक बायपास ट्रैक बनाया गया है। इस ट्रैक से खंडवा जिले के संत सिंगाजी और खरगोन जिले के सेल्दा थर्मल पॉवर प्लांट जुड़े हैं। करीब 55 किलोमीटर के इस रेलवे ट्रैक में 46 किलोमीटर का हिस्सा खंडवा-सनावद ट्रैक का हिस्सा है, वहीं मथेला से अहमदपुरखैगांव तक नौ किलोमीटर बायपास ट्रैक बनाया गया है। दोनों थर्मल पॉवर के बीच ट्रेनों के संचालन सीआरएस की अनुमति के बाद ही हो सकता है। ऐसे में इस निरीक्षण को काफी अहम माना जा रहा है।
तीन बार बंद किया फाटक, फिर खोला
मथेला स्टेशन से करीब आधा किलोमीटर दूर खंडवा-मूंदी रोड पर रेलवे फाटक बनाकर ट्रैक की क्रॉसिंग की गई है। यहां अधिकारियों की ट्रॉली आते देख रेलकर्मियों ने फाटक बंद कर दिया। ऐसे में यहां जाम की स्थिति बन गई और अधिकारी ट्रैक को लेकर कुछ दूरी पर ही चर्चा करने लगे। ऐसे में फाटक खोल दिया गया। दोनों ओर लगी वाहनों की कतार से लोग जाम में फंस गए। यह स्थिति तीन बार बनी, इसके बाद यहां से ट्रॉलियां रवाना हुईं।
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थर्मल पॉवर के बीच चलेगी कोयले की मालगाड़ी
सीआरएस की रिपोर्ट के बाद मथेला से निमाड़खेड़ी तक ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। बीड़ और सेल्दा के बीच कोयले की मालगाड़ियों की आवाजाही हो सकेगी। इससे बिजली उत्पादन सुचारु हो सकेगा।
सनावद तक चल सकती है पैसेंजर ट्रेनें
खंडवा से सनावद के बीच गेज कन्वर्जन पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में मथेला से सनावद तक पैसेंजर ट्रेनें चलाकर यात्रियों को सुविधा दी जा सकती है। इसको लेकर कई संस्थाएं मांग कर रही हैं।
110 किलोमीटर की गति से दौड़ सकेंगी ट्रेनें
सीआरएस अपनी रिपोर्ट में रेलवे ट्रैक को ठीक बता देते हैं तो यहां ट्रेनों की आवाजाही 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से शुरू हो जाएगी। अभी ट्रैक पर 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से इंजन व ट्रेन चलाकर टेस्टिंग की जा रही थी।
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सीआरएस ने निरीक्षण के दौरान कहा-
- रेलवे फाटक के पास रोड खराब क्यों है, जब यह सड़क रेलवे ने बताई तो सरफेस खराब क्यों है।
- खंडवा-मूंदी रोड के फाटक के पास रेलवे ट्रैक की कटिंग सही ढंग से नहीं की गई है। यहां सुधार कार्य करो।
- निरीक्षण से पहले उन्होंने कहा किसी भी ट्रॉली में ओवर लोड नहीं होना चाहिए, बाकी लोग कार से आएं।
- फील्ड पर लगे कर्मचारी और निरीक्षण के लिए आए अमले के लिए दोपहर 12 बजे खाना तैयार हो जाना चाहिए। एक नजर इधर भी
- खंडवा से सनावद तक 56 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का काम ढाई साल में भी पूरा नहीं हो सका है।
- खंडवा जंक्शन पर अब तक प्लेटफॉर्म नंबर चार और पांच की मीटरगेज पटरियां भी नहीं उखड़ी हैं।
- खंडवा जंक्शन के दोनों छोर पर दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा गेज कन्वर्जन का काम अब तक शुरू नहीं हुआ है।
- खंडवा से इंदौर जाने वाले लोग परेशान हैं, जानकारी के अनुसार इंदौर तक ट्रैक बिछने में पांच साल लगेंगे।
- खंडवा से इंदौर तक रोड पर 130 किलोमीटर का सफर पांच घंटे में पूरा होता है, ऐसे में लोग परेशान हैं।
- यात्रियों का कहना है कि रेलवे ने थर्मल पॉवर के ट्रैक पर फोकस किया लेकिन पैसेंजर ट्रेनों के लिए ध्यान नहीं दिया।