जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। जबलपुर रेल मंडल की सीमा में आने वाली गुड्स साइडिंग पर मालगाड़ी के खनिज माल चढ़ने और उतरने के दौरान कई ऐसी खामियां सामने आई हैं, जिसके बाद पश्चिम मध्य रेलवे की विजलेंस ही नहीं बल्कि रेलवे बोर्ड की विजलेंस टीम भी इन दिनों सक्रिय हो गई है। गुड्स साइडिंग में खनिज लोड होने से पहले जारी की जाने वाली आरटीपी यानि रेलवे ट्रांसपोर्ट परमिट बनाने में गड़बड़ी की जा रही है, जिसके बाद गु्ड्स साइडिंग के प्रभारी और जिला प्रशासन के खनिज विभाग के कर्मचारियों के बीच चल रही सांठगांठ पर जिला प्रशासन सख्त हो गया है।
अवकाश के दिन भी जारी आरटीपी: सूत्रों के मुताबिक आरटीपी जारी करने में न तो नियम देखा जा रहा और न...
more... ही समय। जबलपुर की सीमा में आने वाली कछपुरा, डुंडी, गोसलपुर और गढ़ा गुड्स साइडिंग में मालगाड़ी लोढ़ करवाने वाले व्यापारी, खनिज विभाग से अवकाश के दिन या दफ्तर बंद होने पर भी आरटीपी जारी करवा लेते हैं। नियम के तहत आरटीपी जारी करने में दो दिन का वक्त होता है, लेकिन लालच मिलते ही यह चंद मिनट में बिना भौतिक परीक्षण किए ही जारी कर दी जाती है।
विजलेंस का खुफिया तंत्र सक्रिय: पश्चिम मध्य रेलवे की विजलेंस ने इस पूरे मामले में रेलवे के अधिकारी-कर्मचारी की भूमिका की जांच करने के लिए अपने खुफिया सूत्र दौड़ा दिए हैं। हालांकि अभी तक किसी भी साइडिंग में विजलेंस ने न तो जांच की है और न ही छापा मारा है। सूत्रों के मुताबिक आरटीपी जारी करने में भले ही खनिज विभाग की अहम भूमिका है, लेकिन साइडिंग में काम करने वाले इसे जारी करवाने और व्यापारी तक पहुंचाने में पूरी भूमिका अदा करते हैं। इसकी वजह में वह अतिरिक्त शुल्क भी लेते हैं ।
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खनिज विभाग द्वारा रेलवे साइडिंग में माललोडिंग के लिए जारी की जा रही आरटीपी में यदि किसी तरह की गड़बड़ी की जा रही है तो इसकी जांच कराई जाएगी।
इलैया राजा टी, कलेक्टर, जिला प्रशासन
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- रेलवे की सभी गुड्स साइडिंग पर किसी तरह की गड़बड़ी न हो, इसके लिए विजलेंस समय-समय पर जांच करती है। माल के वजन या अन्य किसी काम में गड़बड़ी की खबर पर नजर रखे हुए हैं।
बसंत शर्मा, डिप्टी चीफ विजलेंस आफिसर, पश्चिम मध्य रेलवे