भिवानी से मानहेरू-रेवाड़ी रेल ट्रैक पर दोहरीकरण व विद्युतीकरण रेलसेवा के बाद भिवानी-रेवाड़ी व रेवाड़ी-बठिंडा रूट की इलेक्ट्रिक रेल सेवाओं का फायदा जनवरी के अंत या फरवरी माह से मिलने लगेगा। इससे जहां भिवानी व अन्य जिलों में तीव्र गति का रेल संपर्क स्थापित होगा और व्यापारिक एवं व सामाजिक संबंधों को सुदृढ़ता मिलेगी वहीं समय की भी बचत होगी। भिवानी से बठिंडा की दूरी करीब 235 किलोमीटर है। एक्सप्रेस ट्रेन यह दूरी करीब 5 घंटे में तय करती हैं और पैसेंजर ट्रेन को इस दूरी को तय करने में करीब छह घंटे लगते हैं। इलेक्ट्रिफिकेशन शुरू हाेने के बाद पैसेंजर ट्रेने एक्सप्रेस की रफ्तार से दौड़ेंगी और करीब 5 पांच घंटे में यह दूरी तय करेंगी।
उल्लेखनीय है कि रेवाड़ी-मानहेरू...
more... के दोहरीकरण व विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। रेवाड़ी-मानहेरू रेलखंड की लंबाई 70 किलोमीटर है, जो भिवानी, रेवाड़ी व झज्जर जिलों को सेवा प्रदान करता है। इस रेलखंड पर दोहरीकरण व विद्युतीकरण के कार्य एक साथ पूरे किए गए।
भिवानी। उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से भिवानी जंक्शन पर किया गया इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य।
4 बड़े और 23 छोटे पुलों का किया गया है निर्माण
रेवाड़ी-मानहेरू रेलखंड 70 किलोमीटर का कार्य 2011-12 में स्वीकृत किया गया था एवं इसकी कुल लागत 410 करोड़ थी। इस रेलखंड पर उच्च स्तरीय तथा आधुनिकतम इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली शुरू की गई है। इस रेलखंड पर 10 स्टेशनों पर नए प्लेटफार्म, कवर्ड प्लेटफार्म शेड, फुट ओवरब्रिज सहित सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। इस रेलखंड पर 4 बड़े तथा 23 छोटे पुलों का निर्माण किया गया है।
जाटूसाना व मानहेरू स्टेशनों पर विद्युत सब स्टेशन किए स्थापित, 4532 किमी का कार्य प्रगति पर
रेवाड़ी-मानहेरू रेलखंड विद्युतीकरण के कार्य के अंतर्गत इस रेलखंड पर जाटूसाना व मानहेरू स्टेशनों पर विद्युत सब स्टेशन स्थापित किए गए हैं। रेवाड़ी-मानहेरू रेलखंड के विद्युतीकृत होने के बाद विद्युत इंजन से संचालित ट्रेनों का संचालन रेवाड़ी से बठिंडा की ओर संभव होगा। इस रेलखंड पर रेवाड़ी-कोसली का विद्युतीकरण दिसंबर 2017 तथा कोसली-झाड़ली का विद्युतीकरण का कार्य मार्च 2018 में कर लिया गया था। उत्तर पश्चिम रेलवे पर संपूर्ण रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया है। वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे पर 4532 किलोमीटर का कार्य प्रगति पर है इन विद्युतीकरण कार्यों के पूर्ण होने पर संपर्क विद्युतीकृत लाइनें आपस में जुड़ जाने के बाद इन पर विद्युतीकृत रेलगाड़ियों का संचालन शुरू किया जाएगा।
लंबी दूरी की गाड़ियों से बढ़ेगी कनेक्टिविटी
इलेक्ट्रिसिटी होने से कनेक्टिविटी बढ़ने के आसार बन जाएंगे। दिल्ली अधिक समय तक रुकने वाली लंबी दूरी की गाड़ियों को भिवानी तक बढ़ाया जा सकता है। इस समय असम व मुम्बई की तरफ से आने वाली लंबी दूरी की अनेक गाड़ियां दिल्ली में 16-16 घंटे खड़ी रहती हैं।
फरवरी के पहले हफ्ते तक पूरा होगा काम