नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में भी लोकल ट्रेनें पटरी पर लौट आई हैं। 11 महीने बाद इनके शुरू होने से लोगों को कुछ राहत मिली, लेकिन पहले दिन ट्रेनों के परिवर्तित नंबर, परिवर्तित समय और बढ़े हुई टिकट दर की वजह से उन्हें परेशान भी होना पड़ा। कई लोगों को शंका रही कि दिल्ली या एनसीआर के स्टेशन पर पहुंच तो जाएंगे, लेकिन वापसी कैसे होगी। इसका कारण यह कि अभी पटरी पर कम संख्या में ट्रेनें हैं। इसी कारण यात्रियो का टोटा रहा। नई दिल्ली स्टेशन से महज 10 अनारक्षित टिकट बिकीं।
कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन के कारण दिल्ली-एनसीआर में पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन 11 माह बाद शुरू हुआ। इनमें अनारक्षित टिकट से यात्रियों ने सफर किया। इस वजह से...
more... उन्हें किराया ज्यादा चुकाना पड़ा। सबसे कम दूरी के लिए यात्रियों को दस की जगह 30 रुपये खर्च करने पड़े।ट्रेन नंबर को लेकर भी उलझन रही। दैनिक यात्रियों ने एप व इंटरनेट पर पुरानी ट्रेनों के नंबर से चेक किया तो उन्हें निरस्त बताया गया। इस कारण कई यात्रियों की ट्रेन छूट गई। सुबह 9 बजे गाजियाबाद से चली (04409) ईएमयू 9:43 बजे नई दिल्ली पहुुंची। आगरा इंटरसिटी (04211) 17 मिनट की देरी से 9:43 बजे तिलक ब्रिज पहुंची। इन ट्रेनों के नंबर बदले गए हैं।सदर बाजार के दैनिक यात्री ताराचंद का कहना था कि स्टेशन पहुंचने तक ट्रेन से संबंधित जानकारी प्राप्त नहीं हुई। खरीदारी के लिए लोग सदर बाजार पहुंच तो गए, लेकिन वापसी दिशा में माल लेकर स्टेशन पर घंटों ट्रेन का इंतजार करना पड़ा। कामकाजी लोगों को भी परेशानी हुई। सरकारी नौकरी करने वाले एक दैनिक यात्री ने कहा कि दिल्ली पहुंच तो गए हैं, लेकिन वापसी कौन-सी ट्रेन से होगी, इसके बारे में ऑनलाइन कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो रही है।तिलक ब्रिज स्टेशन पर पलवल से आने वाली लोकल ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों का कहना था कि पहले आधा घंटे के अंतराल पर ट्रेन आती थी, लेकिन एक बजे से साढ़े तीन बजे के बीच एक भी ट्रेन नहीं पहुंची। दोपहर में स्टेशन सुनसान दिखे। शाम के वक्त कामकाजी लोग पहले की तरह ही लोकल ट्रेन के इंतजार में दिखे।दादरी, नोएडा, फरीदाबाद, पिलखुवा, सोनीपत, पानीपत, गुरुग्राम, मेरठ, हापुड़, अलीगढ़, बुलंदशहर मोदीनगर, खुर्जा समेत कई स्टेशनों से ट्रेनें चलीं। इससे हजारों लोगों को राहत मिली। गाजियाबाद के लोगों को विशेष फायदा हुआ, क्योंकि ज्यादातर ट्रेनें इस रूट से चल रही हैं। इस स्टेशन से लोगों को एनसीआर के दादरी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत, मेरठ, हापुड़ समेत कई इलाकों में आने-जाने में आसानी हुई।लोकल ट्रेनें शुरू तो हो गईं, लेकिन पहले दिन यात्रियों का टोटा रहा। ज्यादातर ट्रेनें खाली ही चलीं। नई दिल्ली स्टेशन की बात करें तो नाममात्र के लोकल पैसेंजर ही पहुंचे। इस स्टेशन से एनसीआर के लिए पांच अनारक्षित ट्रेनें चलाई जा रही हैं। यहां के काउंटर से महज 10 टिकट ही बिके। कोविड के प्रकोप से पहले यहां से 100 से अधिक लोकल ट्रेनें संचालित होती थीं और लाखों यात्री इनसे सफर करते थे। उधर, तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन पर पलवल से लोकल ट्रेन पहुंची तो महज तीन लोग रवाना होने वाले थे। उतरने वाला कोई नहीं था। साढ़े तीन बजे इस स्टेशन पर पहुंची ट्रेन भी करीब-करीब खाली थी। कमोबेश यही काल पुरानी दिल्ली, सराय रोहिल्ला, शिवाजी ब्रिज व अन्य स्टेशनों का रहा।