झांसी। रेलवे भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए निर्माण कार्य करा रहा है। तीसरी रेल लाइन के निर्माण कार्य के दौरान प्लेटफार्म निर्माण में नया प्रयोग किया जा रहा है। रेल लाइन से सटकर जो प्लेटफार्म की दीवार बनाई जा रही है, वह ईंट की जगह सीमेंट के सांचों की तैयार हो रही है। अगर कभी प्लेटफार्म को पीछे खिसकना पड़े, तो ऐसे में दीवार को नहीं तोड़ना होगा। सीधे सीमेंट के सांचे निकालकर प्लेटफार्म को पीछे खिसकाया जा सकता है।विज्ञापनमथुरा से झांसी के बीच 273.80 किलोमीटर और झांसी से बीना के बीच 152.57 किलोमीटर की तीसरी रेल लाइन बिछाने का काम चल रहा है। तीसरी नई रेल लाइन बिछाने में मथुरा-झांसी के बीच 4,377 करोड़ और झांसी-बीना के मध्य 24,90 करोड़ रुपये की लागत स्वीकृत की गई है। इसमें रेल विकास निगम लिमिटेड मथुरा से झांसी के बीच, झांसी से ललितपुर के बीच रेलवे का निर्माण संगठन और ललितपुर और...
more... बीना के बीच इंजीनियरिंग विभाग नया ट्रैक डाल रहा है। नई लाइन के लिए सभी छोटे स्टेशनों पर नई बिल्डिंग और प्लेटफार्म बनाए जा रहे हैं। इनके निर्माण में नए- नए प्रयोग किए जा रहे हैं। अभी तक झांसी से बबीना और बबीना से बसई तक तीसरी रेल लाइन को चालू कर लिया गया है। इस सेक्शन में पड़ने वाले बिजौली, खजराहा, बुढ़पुरा, बसई स्टेशनों पर नई बिल्डिंग और प्लेटफार्म बनाए गए हैं। नए प्लेटफार्म की जो पास की दीवार बनाई गई है, वह ईंट की जगह सीमेंट के सांचों की तैयार की गई है। अगर कभी प्लेटफार्म को पीछे खिसकना पड़े तो ऐसे में दीवार को नहीं तोड़ना होगा। सीधे सीमेंट के सांचे निकालकर प्लेटफार्म को पीछे खिसकाया जा सकता है। इससे रेलवे को करोड़ों रुपये की बचत होगी।20 साल में बढ़ीं 65 गाड़ियांझांसी रेल मंडल की दो लाइनों पर लगातार यात्री, मालगाड़ियों की संख्या और संचालन बढ़ने से लोड बढ़ गया है। इस कारण आए दिन रेल ट्रैफिक बाधित हो जाता है। महत्वपूर्ण ट्रेनों को रास्ता देने के लिए कुछ ट्रेनों की गति कम करनी पड़ती है या फिर उन्हें रोकना पड़ता है। पिछले 20 साल के भीतर झांसी रेल मंडल से गुजरने वाली गाड़ियों की संख्या 65 बढ़ गई हैं। इस हिसाब से 48 प्रतिशत गाड़ियों में इजाफा हुआ है। वर्तमान में झांसी-बीना बाइस प्रतिशत और आगरा-झांसी सेक्शन में बारह फीसदी ओवर ट्रैफिक है। अब तीसरी लाइन बिछने के बाद काफी हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा।