अंबाला सहित उत्तर रेलवे के कई स्टेशनों पर 70 एटीएम चार साल से बंद पड़े हैं। इससे रेलयात्रियों को दिक्कत हो रही है। रेलवे और बैंकों के बीच करोड़ों रुपये की रिकवरी को लेकर विवाद पैदा हो गया है।
अंबाला, [दीपक बहल]। उत्तर रेलवे के पांच मंडलों में करोड़ों रुपयों की रिकवरी के चलते बैंक और रेलवे के बीच में चला आ रहा विवाद यात्रियों के लिए आफत बन गया है। अब रेलवे धीरे-धीरे स्पेशल ट्रेनों को पटरी पर उतार रहा है, लेकिन स्टेशनों पर करीब 70 आटोमेटिक टेलर मशीन (एटीएम) होने के बावजूद सुविधा नहीं मिल रही। यात्रियों की सुविधाओं के लिए एटीएम के साथ ई-टिकटिंग कियोस्क लगाए जाने थे ताकि यात्री यहीं से टिकट ले लें। अधिकांश एटीएम के साथ...
more... बैंकों ने कियोस्क लगाए ही नहीं।
उत्तर रेलवे के दिल्ली, अंबाला, लखनऊ मुरादाबाद और फिरोजपुर में एटीएम बंद होने ने यात्री परेशान
इसके अलावा एटीएम के लिए छह वर्ग मीटर जगह निर्धारित की गई थी, लेकिन बैंकों ने अधिक जगह यूजकर ली। ऐसे में रेलवे ने कियोस्क के लिए 1.5 वर्ग मीटर का किराया और एटीएम के छह वर्ग मीटर से अधिक जहां-जहां जगह यूज की गई, उसकी रिकवरी निकाली गई है। सन 2013 से रिकवरी के बाद बैंक और रेलवे के बीच में कईं वार्ताएं हुईं, लेकिन यह सिरे नहीं चढ़ पाई हैं।
एटीएम के साथ ई-टिकटिंग कियोस्क की सुविधा ही शुरू नहीं की गई, बैंकों ने जगह भी ज्यादा इस्तेमाल किया
अंबाला मंडल में करीब 14 एटीएम सील किए हैं, जबकि दिल्ली, फिरोजपुर, मुरादाबाद, लखनऊ में भी इसी तरह से करीब 56 एटीएम सील किए हैं। बैंक कियोस्क की रिकवरी देने को तैयार नहीं है, जबकि रेलवे इसके बिना सील खोल नहीं रहा। मंडलों ने उत्तर रेलवे के बड़ौदा हाउस में पत्राचार किया है।
एटीएम लगाते समय रेलवे की दिखी लापरवाही
उत्तर रेलवे के पांचों मंडलों में एटीएम लगाने के समय बरती गई लापरवाही की परतें अब खुलने लगी हैं। एटीएम लगाते समय निर्धारित की गई जगह की नपाई करना इंजीनियरिंग विभाग का काम होता है, जबकि कमर्शीयल विभाग भी ई टिकटिंग की सुविधा शुरु हुई या नहीं इसकी मानीटरिंग करता है।
कई साल तक हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश के रेलवे स्टेशनों पर ई टिकटिंग के न तो कियोस्क लगाए गए और निर्धारित जगह से अधिक पर एटीएम इस्तेमाल होता रहा। रेलवे विजिलेंस भी स्टेशन पर मानीटरिंग करती है और अफसर भी निरीक्षण करते हैं। इसके बावजूद इस तरह की लापरवाही होती रही।
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14 साल पहले मिलने वाली सुविधा कई स्टेशनों पर अटकी
करीब 14 साल पहले रेलवे ने एटीएम के साथ टिकट और ई टिकट प्रिंट की सुविधा शुरू की थी। एटीएम के पास ही कियोस्क भी लगाए जाने थे। इसके तहत 1.5 वर्ग मीटर जगह पर एटीएम और ई टिकट प्रदान करने की योजना बनी। जमीन उपलब्ध कराने के लिए बोर्ड ने उसकी कीमत भी निर्धारित कर दी थी। कियोस्क के लग जाने से ई टिकटिंग में बढ़ती दलालों की सेंधमारी में कुछ हद तक अंकुश भी लगने की उम्मीद थी। कई मंडलों में एटीएम तो लग गए लेकिन यात्रियों की सुविधा के लिए शुरू किए जाने वाले ई टिकटिंग कियोस्क नहीं लगे।
सील कर दिए गए थे एटीएम, भटक रहे यात्री
वित्त वर्ष 2017-18 में एटीएम को सील कर दिया गया, लेकिन आज तक समाधान नहीं हो पाया। अंबाला रेल मंडल ने करीब तीन करोड़ रुपये लाइसेंस फीस निकाली थी, जबकि बैंक इसे जमा नहीं कर रहा। ऐसे में एटीएम सील पड़े हैं और लाखों रुपया बैंकों में फंसा हुआ है। डीआरएम जीएम सिंह और सीनियर डीसीएम हरिमोहन ने बैंक अधिकारियों से वार्ता की लेकिन अधिकांश बैंक 1.5 वर्ग मीटर की पेमेंट देने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में एटीएम सील ही पड़े हैं।
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मामले का समाधान किया जाएगा : जीएम
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल से उत्तर रेलवे के पांचों मंडलों में जब एटीएम बंद के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सीपीआरओ लिखित में भेज दीजिए। जो भी समाधान होगा वह किया जाएगा।