भिलाई। भारतीय रेलवे के वैगन को समय से पहले खाली करके भिलाई इस्पात संयंत्र ने पांच करोड़ रुपये की भारी बचत की है। निर्धारित समय आठ घंटे से पहले ही मालगाड़ी को खाली करने की वजह से ऐसा संभव हो सका। विदेशी कोयले को भिलाई इस्पात संयंत्र में मालगाड़ी से उतारने में पहले 12 से 18 घंटे तक लगते थे। अब यही काम अब सात से आठ घंटे में हो रहा है।
बता दें कि विशाखापटनम बंदरगाह से खुले वैगन में कोयला लाया जाता था। अब बीएसपी प्रबंधन ने इसको कवर करके लाना शुरू कर दिया। इस वजह से कोयला जाम नहीं होता। सूखा कोयला होने से अनलोडिंग में समय की बचत होती है, जिससे डेमरेज चार्ज से छुटकारा मिल गया।...
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भिलाई इस्पात संयंत्र के कोक ओवन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि रेलवे का डिटेंशन टाइम आठ घंटे का होता है। इस समय में रैक को वापस कर देने से आर्थिक रूप से काफी फायदा हुआ है। इस तरह समय भी बचा। करीब पांच करोड़ पिछली बार डेमरेज चार्ज दिया गया था, जो इस बार शून्य है। एक दिन में साढ़े तीन से चार रैक भिलाई आता है। एक रैक में 59 वैगन होते हैं। बीएसपी खुद वैगन को कवर कराती है। विशाखापटनम से यहां तक कवर रहने से कोयले की चोरी भी रुकी है।
इधर, कोल से कोक बनाने में भारी उछाल
भिलाई इस्पात संयंत्र खुद कोल से कोक बनाता है। इस्पात उत्पादन के लिए कोक की जरूरत होती है। आस्ट्रेलियन और भारतीय कोयले से कोक ओवन की बैटरी में कोक तैयार किया जाता है। बीएसपी प्रबंधन ने कोक ओवन प्रबंधन को 654 पुशिंग का लक्ष्य दिया गया था। कर्मचारियों और अधिकारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि 770 पुशिंग तक उत्पादन कर रहे हैं। एक पुशिंग में 18 टन कोक तैयार होता है। कोल से कोक बनाने की प्रक्रिया को पुशिंग कहते हैं। वर्तमान में संयंत्र की कोक ओवन बैटरी क्रमांक-1, 3, 4, 5, 6, 8 , 9, 11 से उत्पादन जारी है।
इसलिए कर्मचारी-अधिकारी मांग रहे प्रोत्साहन राशि
- कोक ओवन के कर्मचारियों के साथ अधिकारियों ने भी उत्पादन में इजाफा और डेमरेज चार्ज से मिली राहत पर खुशी जाहिर की है।
- कार्मिकों ने एकजुटता दिखाते हुए प्रोत्साहन राशि की मांग की है, क्योंकि कंपनी को इससे आर्थिक रूप से लाभ हुआ है। कार्मिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन राशि मांगी जा रही है।
- विभागीय अधिकारियों के साथ कर्मचारियों की बैठक हो चुकी है। प्रोत्साहन राशि की मांग को प्रबंधन ने स्वीकार किया है। इसकी फाइल जल्द ही ईडी वर्क्स और फाइनेंस विभाग के पास पहुंचने वाली है।
- प्रोत्साहन राशि देने के लिए विभागीय प्रभारी तैयार हैं। कर्मचारियों का कहना है कि करीब 100 रुपये प्रति कर्मचारी को डेली रिवार्ड के रूप में देने की मांग की जा रही है।
- इससे प्लांट को फायदा होगा और कर्मचारियों का मनोबल भी ऊंचा होगा। इससे उत्पादन लागत कम हो जाएगी। उतने ही कर्मचारियों में अधिक उत्पादन हो सकेगा।
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कर्मचारियों और अधिकारियों ने एकजुटता दिखाई। कोक ओवन का उत्पादन बढ़ाया और डेमरेज चार्ज से राहत दिलाई है। पांच करोड़ रुपये की शुद्ध बचत हुई है। इसका लाभ कार्मिकों को दिलाने के लिए उच्च प्रबंधन से वार्ता हुई है। जल्द ही प्रोत्साहन राशि मिलनी शुरू हो जाएगी।
- संजय साहू, अतिरिक्त महासचिव-इंटक