हरिद्वार कुंभ मेले में यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए रेलवे ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। ट्रेनों के टिकटों को खरीदने वाली दिक्कतों को देखते हुए यात्रियों को ट्रेन चलने के आधे घंटे पहले तक सभी क्लास के आरक्षण टिकट उपलब्ध कराएगा। इसके लिए काउंटर चालू कर दिया गया है जो 24 घंटे काम कर रहा है। विज्ञापनमकर संक्रांति पर्व स्नान समाप्त होने के बाद अब रेलवे ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। मकर संक्रांति पर्व से पहले ही मुरादाबाद मंडल के अधिकारियों की टीम ने हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर अपना डेरा जमा लिया था।अधिकारियों ने स्नान पर्व के दौरान देखा कि यात्रियों की क्या स्थिति है। रेलवे स्टेशन पर 19 काउंटर भी यात्रियों के लिए खोले गए थे। अब यात्रियों की स्थिति व आय को देखते हुए रेलवे ने अपनी तैयारियों को बढ़ा दिया है। दूसरे प्रदेशों से आने वाले...
more... श्रद्घालु वापसी का टिकट भी उधर से ही बुक करा लेते हैं। जबकि कम दूरी से आने वाले श्रद्घालु समय पर ही रेलवे स्टेशन पहुंचकर अपना टिकट बुक कराते हैं।
ऐसे में आरक्षण कक्षों पर भारी भीड़ उमड़ी रहती है। अभी तक ट्रेन चलने के समय से चार घंटे पहले टिकट बुकिंग बंद हो जाती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। रेलवे स्टेशन से ट्रेन छूटने के आधा घंटा पहले तक टिकट यात्रियों को उपलब्ध कराया जाएगा। सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह का कहना है कि कुंभ मेला श्रद्धालुओं को ट्रेन चलने से आधे घंटे पहले तक आरक्षण टिकट उपलब्ध कराया जाएगा।
कमरों में नहीं छावनियों में ही होगा कुंभ मेला- महंत नरेंद्र गिरि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कुंभ मेला परंपरागत रूप से दिव्य एवं भव्य संपन्न होगा। कुंभ कमरों में नहीं बल्कि परंपरागत रूप से संपन्न होगा। अखाड़ों की छावनियां स्थापित होंगी। महामंडलेश्वर नगर भी बसाया जाएगा। अन्य जो भी व्यवस्थाएं अखाड़ों के लिए होती हैं, सभी की जाएंगी।पत्रकारों से बातचीत में श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि अखाड़े कुंभ का प्रमुख अंग हैं। कुंभ के दौरान सभी तेरह अखाड़ों से जुड़े संत महापुरुष, नागा संयासी स्नान के लिए हरिद्वार आते हैं। इस वर्ष होने जा रहे कुंभ में भी सभी अखाड़ों के संत महापुरुष, नागा संयासी, खालसे हरिद्वार आएंगे। संतों के निवास के लिए अखाड़ों की छावनियां स्थापित की जाएंगी। इसके लिए सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए। यदि सरकार व्यवस्था नहीं करती है अखाड़े अपने संसाधनों से सभी व्यवस्थाएं करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार और मेला प्रशासन को व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने के लिए कई बार अवगत कराया जा चुका है। कहा कि कुंभ के लिए समय कम रह गया है, लेकिन कुंभ कार्य अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। सरकार और मेला प्रशासन को तत्परता से कार्य करते हुए सभी कार्य पूरे कराने चाहिए, जिससे कुंभ मेले के दौरान अखाड़ों, संत समाज व श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।