लखीमपुर-खीरी।जिले में इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की तैयारियां आखिरी दौर में है। जल्द ही 133 साल के बाद जिले में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़नी शुरू हो जाएगी। कोयले के इंजन, डीजल इंजन के बाद अब बिजली से चलने वाली ट्रेन दौड़ेगी। इसके लिए सीतापुर-लखीमपुर के बीच विद्युतिकरण का काम भी पूरा हो गया है। सीआरएस ट्रायल कराने को लेकर कार्यदाई संस्था लगी हुई है। सीएआरएस ट्रायल के बाद खीरी जिले के लोगों को इलेक्ट्रिक ट्रेन से सफर करने को मिल सकेगा।लखीमपुर खीरी में पहली ट्रेन अंग्रेजों के जमाने में करीब 133 साल पहले मीटर गेज के रूप में आई थी। इसके बाद अमान परिवर्तन के चलते मीटरगेज को ब्रॉडगेज करने को लेकर 15 अक्तूबर 2016 को मीटरगेज की ट्रेन का संचालन बंद कर दिया गया था। इसके बाद मार्च 2019 को ब्रॉडगेज का काम पूरा होने के बाद ब्रॉडगेज की ट्रेन चलाने को सीआरएस कराया गया। इसके बाद 28 अगस्त को पहली...
more... ट्रेन का संचालन शुरू किया गया। एक साल पूरा होने से पहले ही कोरोना संक्रमण के चलते मार्च 2020 में एक बार फिर से ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया। इसी दौरान रेलवे ने सीतापुर से लखीमपुर के बीच विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया। विद्युतीकरण का काम कर रही रेलवे की कार्यदाई संस्था इस रेल प्रखंड का सीआरएस कराने की तैयारी में जुट गई है।सीआरएस के बाद ऐशबाग से लखीमपुर के बीच बिजली की ट्रेनों से लोगों को सफर करने की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। कार्रदाई संस्था दिसबंर माह में ही सीआरएस कराने को लेकर अपनी पूरी तैयारी कर रही है।इस तरह से चली थी मीटरगेज की ट्रेन15 नवंबर 1886 को लखनऊ से सीतापुर के बीच15 अप्रैल 1887 को सीतापुर से लखीमपुर के बीच15 नवबंर 1894 को पीलीभीत से भोजीपुरा के बीचब्रॉडगेज की ट्रेन8 नवंबर 2018 को ऐशबाग से सीतापुर केबीच28 अगस्त 2019 को सीतापुर से मैलानी केबीचफैक्ट फाइलऐशबाग से सीतापुर के बीच की कुल दूरी 86.3 किलोमीटरसीतापुर मैलानी के बीच 106.92 किलोमीटरमैलानी पीलीभीत के बीच 80 किलोमीटर की दूरीलखीमपुर- सीतापुर के बीच लगे विद्युतीकरण को खंभे-863फाउंडेशन बने- 1022लखीमपुर गोला के बीच लगे खंभे- 680सीतापुर-
लखीमपुर तक इलेक्ट्रिक लाइन पड़ रही है। उसके काम का निरीक्षण तकनीकी टीमें कर रही हैं। जल्द ही सीआरएस ट्रायल की तारीख तय की जाएगी।
धर्मेंद्र यादव, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर, रेलवे