लखनऊ, जेएनएन। किसी भी हादसे के समय ट्रेनों के डायवर्जन के कारण लखनऊ रेल मंडल के ट्रेन ऑपरेशन के प्रभाव को अब कम किया जा सकेगा। रेलवे प्रयाग से ऊंचाहार होकर उन्नाव तक रेल विद्युतीकरण के बाद इसको नए वैकल्पिक रूट के रूप में तैयार करेगा। रेलवे डायवर्ट रूट का जाल बिछाने की तैयारी कर रहा है, जिससे भविष्य में किसी दुर्घटना के समय ट्रेनें अधिक देर तक प्रभावित न हों।
इसी प्रोजेक्ट के तहत शुक्रवार को मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त एसके पाठक ने डीआरएम संजय त्रिपाठी सहित कई अधिकारियों के साथ उन्नाव-ऊंचाहार रेलखंड के विद्युतीकरण प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। उनकी क्लीयरेंस मिलते ही उन्नाव-ऊंचाहार के बीच इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें दौड़ सकेंगी।
वाराणसी...
more... से सुलतानपुर, रायबरेली और फैजाबाद रूट लखनऊ आता है, जबकि लखनऊ से हरदोई होकर मुरादाबाद के रास्ते दिल्ली, पंजाब और जम्मू की ट्रेनों की मेन लाइन है। पूर्वोत्तर रेलवे ने ऐशबाग से सीतापुर तक छोटी लाइन को बड़ी लाइन में बदलकर रोजा-शाहजहांपुर होकर नया वैकल्पिक रूट बना लिया था। हालांकि, इसका रेल विद्युतीकरण नहीं हो सका था। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने ऐशबाग-सीतापुर-लखीमपुर तक रेल विद्युतीकरण प्रोजेक्ट को मंजूरी दी, जिसके बाद काम शुरू हो गया है। इस फैसले से संकट के समय प्रतापगढ़ या रायबरेली से प्रयाग-ऊंचाहार उन्नाव के रास्ते कानपुर होकर ट्रेनों को दिल्ली और झांसी रूट की ओर भेज सकेगा। वहीं, जल्द ही सीतापुर तक रेल विद्युतीकरण का निरीक्षण होते ही गोरखपुर की ओर से आने वाली ट्रेनें भी डायवर्ट होकर सीतापुर-ऐशबाग होकर निकल सकेंगी।
फिलहाल ये दिक्कतें आतीं हैं सामने